दिल्ली में बड़ा हादसा: सीलमपुर में चार मंजिला इमारत ढही, 12 लोगों के दबे होने की आशंका, राहत कार्य जारी

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नई दिल्ली, 12 जुलाई 2025 — राजधानी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में शुक्रवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया, जब एक चार मंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे के वक्त इमारत में करीब 12 लोगों के मौजूद होने की आशंका जताई जा रही है। अब तक मलबे से 4 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जबकि कई अन्य अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। पुलिस, दमकल और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

दमकल विभाग के अनुसार, 7 फायर टेंडर मौके पर मौजूद हैं और बचाव अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया है, जहां उनका इलाज जारी है। स्थानीय लोग भी मलबा हटाने में प्रशासन की मदद कर रहे हैं। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की विशेषज्ञ टीम विशेष उपकरणों की सहायता से काम कर रही है।

एक दिन पहले आजाद मार्केट में भी हुआ था हादसा, एक की मौत

इस दर्दनाक हादसे से ठीक एक दिन पहले, दिल्ली के आजाद मार्केट इलाके में भी एक जर्जर इमारत ढह गई थी, जिसमें 45 वर्षीय मनोज शर्मा की मौत हो गई थी। यह इमारत दिल्ली मेट्रो के जनकपुरी पश्चिम–आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर के टनल निर्माण क्षेत्र में स्थित थी।

मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और लापरवाही से मौत की धारा में मामला दर्ज कर लिया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

दुकानदारों ने डीएमआरसी पर लगाया लापरवाही का आरोप

हादसे के बाद स्थानीय दुकानदारों ने डीएमआरसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा) के अध्यक्ष राकेश यादव ने कहा कि टनल निर्माण के कारण आसपास की जर्जर इमारतें कमजोर हो गई थीं। उन्होंने बताया कि अगर यह हादसा दिन में होता तो जान-माल की बड़ी क्षति हो सकती थी।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि डीएमआरसी ने जर्जर इमारतों को नोटिस तो जारी किए थे, लेकिन उन इमारतों को खाली नहीं कराया गया। इसके चलते दुकानों में कामकाज जारी रहा और हादसा हो गया।

प्रशासन की सतर्कता पर सवाल

लगातार हो रहे ऐसे हादसे दिल्ली प्रशासन और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। एक तरफ जहां मेट्रो निर्माण जैसे बड़े प्रोजेक्ट तेजी से हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पुरानी और जर्जर हो चुकी इमारतों की जांच और निगरानी में लापरवाही देखने को मिल रही है।

फिलहाल, सीलमपुर हादसे में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रयासरत हैं।

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