शिब्ली कॉलेज में सुहेलदेव विश्वविद्यालय का दीक्षारंभ समारोह एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

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नगर के मध्य स्थित शिब्ली नेशनल कॉलेज में रविवार को महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, शिब्ली कॉलेज एवं भारतीय शिक्षण मंडल, गोरक्ष प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में सुहेलदेव विश्वविद्यालय के साहित्यिक कैलेंडर के प्रथम कार्यक्रम के रूप में दीक्षारंभ समारोह का भव्य आयोजन किया गया।

“भारतीय ज्ञान परंपरा में गुरु-शिष्य संबंध एवं शिक्षा का महत्व” विषय पर आयोजित एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर से शिक्षाविदों, कुलपतियों, पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों एवं विद्वानों की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम का शुभारंभ

समारोह की अध्यक्षता महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने की। मुख्य अतिथि के रूप में मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो. जयप्रकाश सैनी, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता, माँ पाटेश्वरी देवी विश्वविद्यालय बलरामपुर के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह एवं जनपद चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार सिंह (आईपीएस) उपस्थित रहे।

दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। विश्वविद्यालय की प्राध्यापिकाएं डॉ. वैशाली और डॉ. प्रियंका ने भावपूर्ण कुलगीत प्रस्तुत कर वातावरण को गरिमामय बना दिया।

अतिथियों का अभिनंदन एवं सम्मान

शिब्ली कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अफसर अली और आयोजन समिति ने आए हुए अतिथियों का अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं ऑक्सीजन रिलीवर प्लांट भेंट कर स्वागत किया।
इसके अतिरिक्त, “एक जनपद, एक उत्पाद” योजना के तहत आज़मगढ़ के ब्लैक पॉटरी उद्योगकर्मियों को भी सम्मानित किया गया।

  • प्रो. संजीव कुमार (कुलपति, सुहेलदेव विश्वविद्यालय) ने कहा –
    “एक कर्तव्यशील गुरु ही योग्य शिष्य के माध्यम से कर्तव्यनिष्ठ नागरिक का निर्माण कर सकता है। शिक्षा की परंपरा वैदिक काल की गुरुकुल प्रणाली से लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तक विकसित होती आई है। यही शिक्षा भारत को विकसित राष्ट्र और विश्वगुरु बनाने की दिशा में ले जाएगी।”
  • प्रो. जयप्रकाश सैनी (कुलपति, एमएमएमईयू गोरखपुर) ने प्राचीन गुरुकुल परंपरा में निहित आदर्श गुरु-शिष्य संबंधों की पुनर्स्थापना पर बल दिया।
  • डॉ. अरुण कुमार सिंह (आईपीएस) ने कहा –
    “प्राचीन भारत में गुरु को ईश्वर का दर्जा देने का तात्पर्य यही है कि उनसे प्राप्त ज्ञान ही मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।”
  • प्रो. संजीत कुमार गुप्ता (कुलपति, बलिया विश्वविद्यालय) ने सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन में शिक्षा की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए गुरु-शिष्य संबंध को शिक्षा का मेरुदंड कहा।

इस अवसर पर ले. डॉ. पंकज सिंह एवं डॉ. आनंद कुमार सिंह द्वारा लिखित बी.ए. राजनीति विज्ञान (छठा सेमेस्टर) की पाठ्यपुस्तक “अंतर्राष्ट्रीय संबंध एवं राजनीति” का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया

कार्यक्रम का संचालन प्रो. मोहम्मद खालिद एवं ले. डॉ. पंकज सिंह ने संयुक्त रूप से किया।
अंत में प्राचार्य प्रो. अफसर अली ने सभी अतिथियों, आयोजन समिति एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोग:
डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, डॉ. महेश श्रीवास्तव, प्रो. जावेद अख्तर, प्रो. रियाज मोहसिन, डॉ. आसिम खान, डॉ. बदीउज्ज्मा, डॉ. सिद्धार्थ, मोहम्मद इब्राहिम, हयात अहमद, आशुतोष माहेश्वरी, सेराज अहमद खान, नबी हसन, मोहम्मद सलमान, डॉ. जे.पी. यादव, नितेश सिंह, एनसीसी कैडेट्स एवं अन्य शिक्षाविद।

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