आजमगढ़: जिले के अमोड़ा स्थित आजमगढ़-वाराणसी लुंबिनी नेशनल हाईवे 233 के टोल प्लाजा पर बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। सहायक आयुक्त स्टांप की जांच में यह खुलासा हुआ कि मात्र ₹100 के स्टांप पेपर पर ₹1,62,20,760 की स्टांप ड्यूटी की चोरी की गई है।
यह मामला आंध्र प्रदेश की कंपनी टी. सूर्यनारायण रेड्डी से जुड़ा है, जिसे 19 जून 2024 से 19 जून 2025 तक के लिए टोल टैक्स वसूली का अधिकार सौंपा गया था। एक वर्ष की अवधि में कंपनी ने कुल ₹40,55,18,786 की वसूली की, लेकिन नियमों के अनुसार 4% (2% स्टांप और 2% डेवलपमेंट चार्ज) की दर से स्टांप ड्यूटी का भुगतान नहीं किया गया।
सहायक आयुक्त स्टांप के अनुसार, कंपनी से एक वर्ष से स्टांप शुल्क संबंधित एग्रीमेंट की कॉपी मांगी जा रही थी, जो काफी प्रयासों के बाद प्राप्त हुई। जब दस्तावेजों की जांच की गई, तो यह स्पष्ट हुआ कि केवल ₹100 के स्टांप पर करोड़ों का एग्रीमेंट किया गया, जिससे सरकार को भारी राजस्व क्षति हुई।
इस गंभीर अनियमितता को देखते हुए स्टांप एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आगे की कार्रवाई के लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा यह तय किया जाएगा कि किस न्यायालय में सुनवाई होगी। साथ ही, संबंधित कंपनी को न्यायालय में पक्ष रखने का अवसर भी दिया जाएगा। नोटिस जारी कर कंपनी के प्रतिनिधियों को पेश होने के लिए कहा जाएगा, जिसके बाद विधिक निर्णय लिया जाएगा।
यह मामला न केवल सरकारी राजस्व की चोरी का है, बल्कि शासन-प्रशासन की पारदर्शिता और जवाबदेही को भी चुनौती देता है। अब देखना यह होगा कि न्यायिक प्रक्रिया में इस मामले का क्या अंजाम होता है।


