जनपद आजमगढ़ में 231 विद्यालयों को बंद/मर्ज/रि-एडजस्ट करने के प्रशासनिक आदेश पर अब सियासी हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के सांसद और मुख्य सचेतक धर्मेन्द्र यादव ने इस फैसले से प्रभावित बच्चों और अभिभावकों के भविष्य को लेकर गंभीर चिंता जताई
सांसद धर्मेन्द्र यादव ने जिलाधिकारी आजमगढ़ को पत्र लिखकर इस निर्णय से प्रभावित वर्गों की विस्तृत जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि यह निर्णय हजारों बच्चों और उनके परिवारों को सीधे प्रभावित करेगा, इसलिए पारदर्शिता और संवेदनशीलता बेहद ज़रूरी है।
उन्होंने पत्र में 7 प्रमुख बिंदुओं पर जानकारी मांगी है, जिनमें शामिल हैं:
- किस वर्ग के कितने विद्यालय बंद किए गए हैं – (निम्न आय, मध्य आय, उच्च आय)।
- जातिगत वर्ग – जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग आदि के कितने विद्यार्थी प्रभावित हैं।
- कुल प्रभावित बच्चों की संख्या – ग्रामवार और ब्लॉकवार विवरण।
- विद्यालय बंद होने के बाद क्या वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
- अभिभावकों की सहमति/आपत्ति की जानकारी।
- मर्ज किए गए विद्यालयों के शिक्षक व स्टाफ की नियुक्ति और सूची।
- चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की ब्लॉक संसाधन केंद्रों में तैनाती की सूची।
सांसद ने अपने पत्र में लिखा है कि यह निर्णय कहीं जल्दबाज़ी में तो नहीं लिया गया है? क्या इसका कोई सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक मूल्यांकन किया गया.उन्होंने यह भी कहा कि सभी सूचनाएं जनहित में पारदर्शिता के लिए शीघ्र साझा की जाएं ताकि कोई वर्ग उपेक्षित न महसूस करे।
जनपद आजमगढ़ में कुल 2706 विद्यालयों में से 329 को चिन्हित किया गया है, जिनमें से 231 को पहले ही बंद किया जा चुका है।


