आजमगढ़:पूर्वांचल ने खोया शिक्षा का एक सितारा: प्रो. बजरंग त्रिपाठी का निधन, तीन दिन बंद रहेंगे सभी शिक्षण संस्थान

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पूर्वांचल में शिक्षा के मालवीय कहे जाने वाले प्रख्यात शिक्षाविद प्रोफेसर बजरंग त्रिपाठी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार की सुबह निधन हो गया। वे ऑल इंडिया चिल्ड्रन केयर एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के संस्थापक और दो दर्जन से अधिक शिक्षण संस्थानों के जनक थे। उनके निधन की खबर से पूरा आजमगढ़ शोक में डूब गया है। उनकी स्मृति में सोसाइटी द्वारा संचालित सभी शिक्षण संस्थान तीन दिन के लिए बंद रखने की घोषणा की गई है।

जीवन परिचय

प्रो. त्रिपाठी का जन्म 15 नवंबर 1943 को अंबेडकरनगर जनपद के जहांगीरगंज कस्बे में हुआ था। पिता स्व. विक्रम त्रिपाठी और माता स्व. धनपति देवी की संतान बजरंग त्रिपाठी ने सीमित संसाधनों में रहते हुए शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल किया। उन्होंने 1970 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. किया और 1970-71 में साकेत कॉलेज, फैजाबाद में डिफेंस स्टडीज के लेक्चरर बने। 1972 में वे शिब्ली कॉलेज, आजमगढ़ में नियुक्त हुए और कुल 28 वर्षों तक शिक्षण कार्य करते हुए हजारों छात्रों का मार्गदर्शन किया।

शिक्षा को बनाया जीवन का मिशन

1977 में हरबंशपुर, आजमगढ़ में किराए के भवन से शुरू हुआ “चिल्ड्रन स्कूल” आज एक विशाल शिक्षा संस्थान नेटवर्क बन चुका है। प्रो. त्रिपाठी ने सर्फुद्दीनपुर में चिल्ड्रन कॉलेज की स्थापना की, जिसे 1986 में ICSE और 1992 में CBSE की मान्यता मिली। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

उन्होंने आजमगढ़ में कई स्कूल और कॉलेजों की स्थापना की जिनमें शामिल हैं:

  • चिल्ड्रन कॉलेज (ICSE)
  • चिल्ड्रन सीनियर सेकेंडरी स्कूल (CBSE)
  • चिल्ड्रन इंग्लिश मीडियम (UP Board)
  • डेंटल कॉलेज (BDS और MDS)
  • सर्वदेव आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज
  • फार्मेसी, नर्सिंग, लॉ और B.Ed कॉलेज
  • धनपत्ति धर्मा पीजी कॉलेज
  • राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान (अतरौलिया, माहुल, पियुवाताल, अखंड नगर, बाराबंकी)
  • राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (घनघटा बस्ती, अंबारी आजमगढ़)
  • जहांगीरगंज में CBSE स्कूल, फार्मेसी व नर्सिंग कॉलेज
  • रक्षा मंत्रालय द्वारा निर्माणाधीन सैनिक स्कूल: प्रो. बजरंग त्रिपाठी सैनिक आजमगढ़
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प्रेरणा और मूल विचार

प्रो. त्रिपाठी ने अपने गुरुओं को जीवन की सफलता का श्रेय दिया — कैप्टन अशफाक खान, मेजर एम.जे. हसन और डॉ. दीनानाथ लाल श्रीवास्तव। वे उत्तर प्रदेश के पहले ऐसे प्राध्यापक थे जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर शिक्षा के क्षेत्र में स्वतंत्र योगदान दिया और पूर्वांचल को शिक्षा का नया चेहरा दिया।

अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि

उनके निधन की खबर मिलते ही जनपद के प्रमुख राजनेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षकों और समाजसेवियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में प्रमुख नाम रहे:

  • मंडलायुक्त विवेक
  • डीआईजी अरविंद सिंह
  • सांसद धर्मेंद्र यादव
  • विधायक संग्राम यादव
  • पूर्व सांसद डॉ. बलिराम
  • जिला पंचायत अध्यक्ष विजय यादव
  • शिक्षक नेता इंद्रासन सिंह, दिवाकर तिवारी
  • भाजपा नेता रमाकांत मिश्रा
  • अधिवक्ता आद्या प्रसाद सिंह, ओम प्रकाश
  • पूर्व मंत्री अनिल राय
  • बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह
  • शिक्षण संस्थानों के प्रबंधक राजेंद्र यादव, अयाज अहमद, अशोक श्रीवास्तव, शिव गोविंद सिंह
  • बैडमिंटन खिलाड़ी राजेंद्र राय

प्रो. त्रिपाठी ने अपने परिश्रम, दूरदृष्टि और सेवा-भाव से हजारों युवाओं का भविष्य संवारा और शिक्षा के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी। उनके द्वारा स्थापित संस्थान आज भी शिक्षा की लौ जलाए हुए हैं और आगे भी उनका सपना जीवित रखेंगे।

श्रद्धांजलि!
पूर्वांचल ने आज एक सच्चे शिक्षक, समाजसेवी और युगपुरुष को खो दिया है।

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