आजमगढ़, 11 जुलाई 2025 —
उत्तर प्रदेश पुलिस के “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। जनपद आजमगढ़ की पुलिस द्वारा की गई सटीक एवं प्रभावी विवेचना, मॉनिटरिंग सेल की सतत निगरानी और अभियोजन पक्ष की मज़बूत पैरवी के चलते गैर इरादतन हत्या के 4 अभियुक्तों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है।
अतरौलिया थाना क्षेत्र के इस चर्चित मामले में मा. अपर सत्र न्यायाधीश/FTC-2 कोर्ट, आजमगढ़ ने चारों अभियुक्तों को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को ₹1,30,500/- के अर्थदंड से दंडित किया है.
घटना 27 जून 2018 की है, जब वादी मिथलेश वर्मा निवासी अटहरा, थाना अतरौलिया ने शिकायत दर्ज कराई कि चार अभियुक्तों —
- घनश्याम वर्मा
- संगम वर्मा (दोनों पुत्र पराग वर्मा, निवासी अटहरा)
- बृजेन्द्र वर्मा (पुत्र किशुनराज, निवासी किमामपुर, थाना राजेसुल्तानपुर, जनपद अम्बेडकर नगर)
- प्रमोद वर्मा (पुत्र विक्रम वर्मा, निवासी वहतियावार, थाना अतरौलिया) —
ने वादी की मां प्रभावती देवी पर कुल्हाड़ी व भाले से जानलेवा हमला किया। गंभीर रूप से घायल प्रभावती देवी की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
इस संबंध में थाना अतरौलिया पर मु.अ.सं. 141/2018 धारा 324, 307, 304, 352, 504, 34 भादवि के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले में कुल 11 गवाहों की साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्तों को दोषसिद्ध पाया।11 जुलाई 2025 को मा. न्यायालय ने चारों अभियुक्तों को गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए कड़ी सजा सुनाई। “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत यह कार्रवाई पुलिस और अभियोजन के समन्वय का स्पष्ट उदाहरण है.पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ ने इसे न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया और विवेचना अधिकारी, मॉनिटरिंग टीम व अभियोजन को सराहना दी है।


