आजमगढ़ जनपद के लिए यह गौरव का विषय है कि पहली बार यहां अघोर परंपरा और उसकी सामाजिक प्रासंगिकता पर राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजित हो रही है। यह ऐतिहासिक आयोजन 13 अप्रैल (चैत्र शुक्ल पूर्णिमा) को हरिऔध कला केन्द्र, आजमगढ़ में सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगा। संगोष्ठी का आयोजन अघोराचार्य बाबा कीनाराम अघोर शोध एवं सेवा संस्थान, क्रीं कुण्ड वाराणसी की आजमगढ़ शाखा के तत्वावधान में किया जा रहा है।

प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए क्रीं कुण्ड वाराणसी के प्रमुख व्यवस्थापक अरुण कुमार सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, रामजनम सिंह, लाल बहादुर सिंह, नीरज वर्मा और डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि इस संगोष्ठी की अध्यक्षता क्रीं कुण्ड, वाराणसी के परम पूज्य पीठाधीश्वर बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी करेंगे। उनके आशीर्वचनों से जनमानस में आध्यात्मिक चेतना का संचार होगा।
इस अवसर पर देशभर के प्रतिष्ठित शिक्षाविद, न्यायविद और समाजसेवी शामिल होंगे। जिनमें महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव गुप्ता, पूर्व कुलपति प्रो. हरिकेश बहादुर सिंह, पूर्व न्यायाधीश चन्द्रभूषण बाजपेयी, और प्रो. मधु सिंह (हिंदी विभाग, यू.पी. कॉलेज) प्रमुख रूप से अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
संगोष्ठी में अघोर परंपरा के गूढ़ तत्वों, मानव कल्याण में उसकी भूमिका और राष्ट्र निर्माण में इसके योगदान पर विमर्श होगा। साथ ही अघोर पीठ के 19 सूत्रीय सामाजिक एवं आध्यात्मिक सेवा कार्यक्रम पर भी चर्चा की जाएगी।
जनपद की जनता और प्रबुद्ध नागरिकों से अपील की गई है कि वे समय पर पहुंचकर इस वैचारिक संगम में सहभागी बनें और ज्ञानगंगा में डुबकी लगाकर अपने जीवन को सार्थक बनाएं। प्रेस वार्ता में बृजभान सिंह, सुनील दत्त विश्वकर्मा, नरेंद्र सिंह, संजय यादव, विपिन सिंह, विपिन राय, संतोष मिश्रा, कैलाश और गजराज भी मौजूद रहे।


