आजमगढ़: थाना रौनापार क्षेत्र के बहुचर्चित गैर इरादतन हत्या के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या-06, आजमगढ़ ने शुक्रवार को तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए प्रत्येक को दो-दो वर्ष के कठोर कारावास एवं ₹6500-₹6500 के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
मामला वर्ष 2007 का है। वादी धर्मेन्द्र कुमार पुत्र तलकू राम निवासी बाढ़ू का पूरा, थाना रौनापार, जनपद आजमगढ़ ने दिनांक 20 जून 2007 को थाना रौनापार में तहरीर दी थी कि 19 जून 2007 को उनकी माता मंज़ी देवी पर गांव के ही तीन लोगों — सुनील पुत्र राम सिंगार, सुद्धू पुत्र राम केवल, और पप्पू उर्फ रणविजय पुत्र राम केवल — ने लाठी-डंडों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इलाज के दौरान मंज़ी देवी की मृत्यु हो गई थी।
घटना के संबंध में थाना रौनापार पर मु.अ.सं. 349/2007 के तहत धारा 323, 34, 304, 504, 506 भादंवि में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे के दौरान कुल 07 गवाहों की गवाही कराई गई।
गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर माननीय न्यायालय ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया और दिनांक 04 अप्रैल 2025 को प्रत्येक को दो वर्ष के कठोर कारावास एवं ₹6500 के जुर्माने की सजा सुनाई।



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