आजमगढ़, 25 फरवरी 2025 – समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने मंगलवार को सदन में प्रदेश की जर्जर स्वास्थ्य सेवाओं पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने सरकार से स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की मांग करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा खुद ही “वेंटिलेटर” पर है।
गुड्डू जमाली ने कहा कि स्वास्थ्य किसी भी देश या प्रदेश की मूलभूत आवश्यकता है। जिस तरह बीमार व्यक्ति का जीवन कठिन हो जाता है, वैसे ही अगर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था लचर हो, तो आम नागरिकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार द्वारा घोषित स्वास्थ्य बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले वर्ष 43,500 करोड़ रुपये का प्रावधान था, जिसे इस बार बढ़ाकर 50,500 करोड़ रुपये किया गया, लेकिन जब पूर्व में आवंटित बजट का 68% ही खर्च हो पाया, तो नए बजट का क्या फायदा?
नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रदेश की बदहाली पर जताई चिंता
गुड्डू जमाली ने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में देशभर में सबसे निचले पायदान पर है। उन्होंने लोहिया, केजीएमयू और एसजीपीजीआई जैसे प्रदेश के प्रमुख अस्पतालों की बदहाली पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की क्षमता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, लेकिन संसाधनों की भारी कमी के कारण गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को मजबूरन महंगे निजी अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा है, जिससे गरीब मरीजों का आर्थिक शोषण हो रहा है और धन के अभाव में इलाज न मिल पाने के कारण कई लोगों की मौत हो जाती है।
बीमार मरीजों की आर्थिक सहायता के नियम बदलने की मांग
उन्होंने सरकार द्वारा जनप्रतिनिधियों को मिलने वाली निधि पर लगे नियमों को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि वर्तमान नियमों के अनुसार, किसी बीमार व्यक्ति को अधिकतम 5 लाख रुपये और पूरे वर्ष में 25 लाख रुपये से अधिक की सहायता नहीं दी जा सकती। उन्होंने एक मजदूर के बच्चे का उदाहरण देते हुए कहा कि एम्स से प्राप्त 15 लाख रुपये के इलाज के इस्टीमेट के बावजूद, सरकार द्वारा तय सीमा के कारण वह 5 लाख से अधिक की मदद नहीं कर पाए। उन्होंने सदन से मांग की कि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए निधि से पूरी राशि देने की अनुमति दी जाए।
अखिलेश सरकार की स्वास्थ्य नीतियों का जिक्र
उन्होंने अखिलेश सरकार के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में किए गए सुधारों को याद दिलाते हुए कहा कि उस समय गंभीर बीमारियों की दवाओं के दाम 60 से 70% तक कम कर दिए गए थे, लेकिन अब उन पर भारी वृद्धि कर दी गई है। समाजवादी सरकार ने 108 और 102 एंबुलेंस सेवाएं शुरू की थीं, जिनका उपयोग मेडिकल इमरजेंसी के लिए किया जाता था, लेकिन मौजूदा सरकार ने एक भी नई एंबुलेंस नहीं बढ़ाई। उन्होंने आरोप लगाया कि एंबुलेंस चालकों को समय से वेतन नहीं मिल रहा, जिससे वे अपना काम सही ढंग से नहीं कर पाते।

आजमगढ़ के अस्पतालों की बदहाली पर तीखी प्रतिक्रिया
आजमगढ़ मंडलीय जिला अस्पताल की हालत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यहां एमआरआई मशीन नहीं है, सिटी स्कैन मशीन तीन महीने से खराब पड़ी है, तीन रेडियोलॉजिस्ट की जरूरत है, लेकिन सिर्फ एक तैनात है। न्यूरोलॉजिस्ट, गैस्ट्रोलॉजिस्ट और प्लास्टिक सर्जन की कमी है, जबकि डायलिसिस के लिए छह महीने की लंबी प्रतीक्षा सूची बनी हुई है। दवा वितरण की भी बेहद खराब व्यवस्था है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में जिले में बनवाया गया पीजीआई अस्पताल भी सही तरीके से संचालित नहीं हो रहा।
आयुष्मान योजना पर भी उठाए सवाल
गुड्डू जमाली ने कहा कि आयुष्मान कार्ड से इलाज की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन इसमें तमाम गंभीर बीमारियों को शामिल ही नहीं किया गया है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह नई योजनाएं बनाने के बजाय पहले से बनी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सही तरीके से संचालित करे।
सरकार से जमीन दान करने की पेशकश
उन्होंने सरकार को एक बड़ा प्रस्ताव देते हुए कहा कि अगर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए जरूरत हो, तो वह आजमगढ़ में अपनी 10 एकड़ जमीन मुफ्त में देने को तैयार हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर चंदा भी जुटाया जाएगा, ताकि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा सके।
गुड्डू जमाली ने सरकार से मांग की कि वह स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दे और मौजूदा अस्पतालों की स्थिति सुधारने पर ध्यान केंद्रित करे। उन्होंने कहा कि यदि आधारभूत स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत होंगी, तो प्रदेश का विकास तेजी से हो सकेगा।