आजमगढ़: जिले के ए.आर.एस. एड. पब्लिक स्कूल, रामपुर मुबारक पट्टी में दलित छात्रों के साथ भेदभावपूर्ण और अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। आरोप है कि विद्यालय की प्रबंधक द्वारा जातिसूचक गालियां दी गईं और परीक्षा में बैठने से रोका गया।
पीड़िता विमला देवी पत्नी चंद्रशेखर, निवासी मित्तूपुर, थाना जहानागंज ने पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पति की बनकट बाजार में सिद्धार्थ बौद्ध फर्नीचर के नाम से दुकान है। 12 फरवरी 2025 को विद्यालय की प्रबंधक रितिका ने उनकी दुकान से 38,000 रुपये मूल्य के फर्नीचर उधार लिए और अगले दिन भुगतान का वादा किया। लेकिन जब पीड़िता पैसे लेने गई, तो प्रबंधक ने न केवल भुगतान से इनकार किया, बल्कि उन्हें जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित किया।

परीक्षा से जबरन निकाला गया
पीड़िता का कहना है कि जब उन्होंने इस मामले में शिकायत की, तो 24 फरवरी 2025 को उनके तीनों बच्चे—श्रीकांत कुमार (कक्षा 6), ब्यूटी भारती (कक्षा 5) और सिद्धार्थ बौद्ध (नर्सरी)—जब परीक्षा देने पहुंचे, तो विद्यालय प्रबंधन के कहने पर रसोइया प्रीति और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें जबरन परीक्षा कक्ष से बाहर निकाल दिया। इस दौरान बच्चों को जातिसूचक गालियां दी गईं और उनके माता-पिता द्वारा शिकायत करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
पुलिस में शिकायत, अब तक कार्रवाई नहीं
पीड़िता ने इस मामले में थाना मुबारकपुर में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने प्रशासन से विद्यालय के फीस रजिस्टर और उपस्थिति रजिस्टर की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना ने शिक्षा जगत में जातिगत भेदभाव और दलित छात्रों के प्रति अमानवीय व्यवहार को उजागर किया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है।
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