Azamgarh news:आज दिनांक 17 अक्टूबर 2025 को दोपहर 1 बजे पुलिस लाइन सभागार, आज़मगढ़ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में एवं अपर पुलिस अधीक्षक यातायात की अध्यक्षता में विशेष किशोर पुलिस इकाई (SJPU) तथा मानव तस्करी रोधी थाना (AHTU) की मासिक समीक्षा एवं समन्वय गोष्ठी आयोजित की गई।
बैठक में श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री विशाल श्रीवास्तव, सहायक अभियोजन अधिकारी श्री तारकेश्वर सिंह, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष श्री रजनीश श्रीवास्तव व सदस्य अखिलेश कुमार सिंह, चाइल्ड लाइन प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर श्री संजय शाही, वन स्टॉप सेंटर की केस वर्कर सरिता पाल, जन विकास संस्थान के श्री अनिल कुमार, प्रभारी बीएसए श्री नवनीत कुमार चौबे, आली संस्थान से कनीज फातिमा व सोनी सहित विभिन्न NGO प्रतिनिधि, आरपीएफ, जीआरपी, DCRB, समस्त थानों के बाल कल्याण अधिकारी व सहायक बाल कल्याण अधिकारी तथा थाना AHTU/SJPU प्रभारी निरीक्षक अभयराज मिश्रा मय टीम उपस्थित रहे।
बैठक में बाल अधिकारों, महिला सुरक्षा एवं किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act, 2015) से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों ने थानों पर नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को कार्य के दौरान आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्य रूप से निम्न निर्देशों पर जोर दिया गया—
- विशेष परिस्थिति को छोड़कर किसी भी पीड़िता को सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद थाने पर न रखा जाए।
- किशोर न्याय अधिनियम की धारा 94 के अंतर्गत अभियुक्त या पीड़िता की उम्र का विधिवत निर्धारण किया जाए।
- 12 वर्ष से कम उम्र की पीड़िता के मामलों में माता-पिता की सहमति तथा 12 वर्ष से अधिक की पीड़िता से स्वयं की सहमति ली जाए।
- नाबालिगों से संबंधित मामलों की जानकारी बाल कल्याण अधिकारी को तत्काल दी जाए।
- श्रम विभाग द्वारा रेस्क्यू किए गए बाल श्रमिकों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।
- चाइल्ड हेल्पलाइन एवं NGO से समन्वय कर बाल श्रम, बाल विवाह व बाल भिक्षावृत्ति के विरुद्ध अधिक से अधिक अभियान चलाए जाएं।
- किसी भी बच्चे को पुलिस लॉकअप में न रखा जाए और उसे तुरंत SJPU अथवा बाल कल्याण अधिकारी को सुपुर्द किया जाए।
- नाबालिग पीड़ितों का चिकित्सीय परीक्षण सादे वस्त्रों में कराया जाए तथा पोक्सो एवं जुवेनाइल मामलों से जुड़ी प्रेस विज्ञप्तियों में पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी जाए।
अपर पुलिस अधीक्षक यातायात ने अंत में कहा कि बाल अधिकारों की रक्षा व मानव तस्करी रोकथाम के लिए सभी विभागों व संस्थाओं के बीच प्रभावी समन्वय आवश्यक है, ताकि जिले में कोई भी बच्चा शोषण या उत्पीड़न का शिकार न बने।