306 दिन की अनोखी कांवड़ यात्रा: 351 लीटर गंगाजल कंधों पर उठाकर चला मनोज, हर कोई कर रहा श्रद्धा को सलाम

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सहारनपुर जनपद के नकुड़ क्षेत्र में इस बार की कांवड़ यात्रा एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक मिसाल बनकर सामने आई है। गांव नयागांव निवासी मनोज कुमार ने अपनी साधना, श्रद्धा और संकल्प से सभी को चौंका दिया है। उन्होंने हरिद्वार से 351 लीटर गंगाजल अपने कंधों पर लेकर 306 दिनों से लगातार यात्रा करते हुए अब सहारनपुर रोड स्थित हरि कॉलेज तक का सफर तय कर लिया है।

न कोई मन्नत, न दिखावा; बस भक्ति का भाव

मनोज कुमार की यह यात्रा किसी मन्नत, व्रत या दिखावे के लिए नहीं है। उनका कहना है, “मैंने कोई विशेष तैयारी नहीं की थी, न कोई अभ्यास किया। केवल भोलेनाथ का नाम लिया और चल पड़ा।” उन्होंने दो बड़ी केनों में गंगाजल को दोनों कंधों पर बांधकर यह कठिन यात्रा शुरू की थी।

प्रतिदिन सिर्फ एक किलोमीटर का सफर

हर केन में लगभग 175 लीटर गंगाजल है और यह वजन इतना अधिक है कि मनोज प्रतिदिन केवल 1 किलोमीटर ही चल पाते हैं। इस कारण उनकी यात्रा 306 दिन लंबी हो गई। वह अब अपने गांव पहुंचने से मात्र 6-7 दिन दूर हैं।

राहगीरों का सम्मान, श्रद्धालुओं की प्रार्थना

मनोज की इस असाधारण आस्था को देखकर रास्ते में मिलने वाले लोग नतमस्तक हो जाते हैं। कोई उन्हें पानी पिलाता है, कोई साहस को सलाम करता है, तो कोई प्रणाम कर आशीर्वाद मांगता है। उनकी यह साधना न सिर्फ कांवड़ यात्रा की परंपरा को नया आयाम दे रही है, बल्कि श्रद्धा और धैर्य की परिभाषा को भी विस्तार दे रही है।

भक्ति की नई मिसाल बनी यह यात्रा

306 दिनों की यह कठिन यात्रा विश्वास, समर्पण और आस्था की अद्भुत मिसाल बन गई है। मनोज कुमार की इस विलक्षण तपस्या को देखकर हर कोई यही कह रहा है – “भोले की भक्ति में जो डूबा, वही सबसे बड़ा योगी।”

  • कुल यात्रा अवधि: 306 दिन
  • कुल गंगाजल: 351 लीटर
  • प्रतिदिन दूरी: 1 किमी
  • प्रारंभ स्थान: हरिद्वार
  • गंतव्य: नयागांव, सहारनपुर (UP)

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