गैंगस्टर भाइयों के घर पहुंचे अखिलेश यादव, दावत-ए-वलीमा में हुई सियासी हलचल”

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आजमगढ़: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गए हैं। मामला गंभीरपुर थाना क्षेत्र के मंगरावा गांव का है, जहां हाजी अब्दुल कलाम के सबसे छोटे बेटे मोहम्मद शादिक के दावत-ए-वलीमा में अखिलेश यादव ने शिरकत की।

हाजी अब्दुल कलाम समाजवादी पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं और उनके चार बेटे हैं। इनमें से दो बेटे मोहम्मद फजल और मोहम्मद शादिक गांव में ही रहते हैं, जबकि दो बड़े बेटे मोहम्मद राशिद और मोहम्मद फहद सऊदी अरब में रहते हैं। लेकिन इन दोनों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं। वर्ष 2022 में आजमगढ़ पुलिस ने मोहम्मद राशिद और मोहम्मद फहद के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।

शादी की इस दावत में अखिलेश यादव की मौजूदगी को लेकर विवाद इसलिए भी गहराया क्योंकि जिन भाइयों के घर यह आयोजन था, उन पर पहले से ही कई संगीन आरोप लगे हैं।

वर्ष 2021 में एक स्थानीय निवासी शाहबाज कमर ने मोहम्मद राशिद पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर शाहबाज और उनके भाई की पिटाई की और कार को क्षतिग्रस्त कर दिया। गांव में दिखने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। इसी आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।

इतना ही नहीं, वर्ष 2015 में मोहम्मद राशिद और फहद पर पुलिस थाने में घुसकर आरोपी को छुड़ाने का आरोप भी लगा था। करीब 100 लोगों की भीड़ के साथ वे गंभीरपुर थाने पहुंचे और शीशम का पेड़ काटने के आरोपी मोहम्मद मुकीम को लॉकअप से जबरन छुड़ा ले गए।

इसी मामले को आधार बनाकर जनवरी 2022 में तत्कालीन एसपी अनुराग आर्य ने गैंगस्टर एक्ट के तहत 12 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।

गैंगस्टर मोहम्मद राशिद के साथ फोटो खिंचवाने पर गंभीरपुर थाने के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर मदन कुमार गुप्ता और सिपाही शुभम सिंह को निलंबित भी किया गया था। जांच में सामने आया कि दोनों पुलिसकर्मी दिवाली की बधाई देने गैंगस्टर के घर पहुंचे थे।

अब सवाल यह है कि जब पुलिसकर्मियों को सिर्फ तस्वीर खिंचवाने पर सस्पेंड किया गया, तो एक पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी नेता का ऐसे कार्यक्रम में जाना क्या संकेत देता है?

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