आजमगढ़ पुलिस ने दो साल से गुमशुदा महिला को परिजनों से मिलाया

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आजमगढ़ पुलिस ने सराहनीय कार्य करते हुए करीब दो साल से लापता महिला को उसके परिजनों से मिला दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के निर्देश पर ऑपरेशन मुस्कान के तहत चलाए गए अभियान में यह सफलता प्राप्त हुई।

अलवर (राजस्थान) से बरामद हुई महिला

जनपद आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के ग्राम अभ्भनपट्टी निवासी श्रीमती दुर्वासा देवी (पुत्री नंदा) वर्ष 2023 में अपने घर से अचानक लापता हो गई थीं। मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह रास्ता भटककर अलवर (राजस्थान) पहुंच गईं, जहां पुलिस ने उन्हें अपना घर आश्रम महिला शाखा, अलवर में दाखिल करा दिया।

याद्दाश्त लौटने के बाद मिली जानकारी

लगातार दो वर्षों तक इलाज के बाद जब महिला की याद्दाश्त लौटी, तो उन्होंने अपना नाम दुर्वासा देवी और मूल निवास आजमगढ़ के देवारा क्षेत्र में होने की जानकारी दी। इस पर आश्रम की वार्डन शीतल शर्मा ने आजमगढ़ के अपर पुलिस अधीक्षक नगर शैलेन्द्र लाल से संपर्क किया और पूरी जानकारी साझा की।

आजमगढ़ पुलिस ने 10 टीमों का किया गठन

महिला द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने उनके परिवार का पता लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया। आजमगढ़ के बाढ़ प्रभावित देवारा क्षेत्र में गहन पड़ताल के लिए थाना रौनापार और थाना महराजगंज क्षेत्र में 10 टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीमों ने गांव-गांव जाकर महिला की फोटो दिखाकर पहचान सुनिश्चित की।

परिजनों से हुआ मिलन

जांच में यह पुष्टि हुई कि महिला की शादी रामनरेश (निवासी ग्राम हरिपुर, थाना कंधरापुर, जनपद आजमगढ़) से हुई थी, जो वर्तमान में पुणे में कार्यरत हैं। महिला के तीन बेटियां और एक बेटा है। उनके परिवार ने बताया कि वे दो साल से महिला को खोजने के हरसंभव प्रयास कर चुके थे, लेकिन सफलता नहीं मिली।

थाना रौनापार के उपनिरीक्षक सिध्देश्वर सिंह और महिला कांस्टेबल प्रज्ञा यादव ने अलवर जाकर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी की और गुमशुदा महिला को सकुशल उनके परिवार से मिला दिया।अपनी पत्नी को वापस पाकर रामनरेश और उनके बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने आजमगढ़ पुलिस का आभार व्यक्त किया।

इस त्वरित कार्यवाही की अपना घर आश्रम, अलवर द्वारा भी भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। पुलिस की इस मानवीय पहल से एक परिवार फिर से एकजुट हो सका।

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