आजमगढ़:निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का विरोध तेज, निर्णायक आंदोलन की तैयारी

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आजमगढ़ :उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों का निजीकरण के खिलाफ आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज प्रदेशभर में बिजली कर्मियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

महाकुंभ के चारों अमृत स्नान के दौरान उत्कृष्ट बिजली सेवा सुनिश्चित करने वाले प्रयागराज के कर्मवीर कर्मचारियों को संघर्ष समिति ने विशेष रूप से बधाई दी। समिति ने कहा कि महाकुंभ के दौरान बिजली कर्मियों ने अपनी जिम्मेदारी का बेहतरीन निर्वहन किया, लेकिन निजीकरण के मुद्दे पर सरकार और प्रबंधन ने कर्मचारियों को धोखा दिया है।

संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि 2018 और 2020 में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री और वित्त मंत्री के साथ हुए समझौतों का उल्लंघन किया गया है। समझौते में यह स्पष्ट था कि बिजली कर्मियों को विश्वास में लिए बिना निजीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी, लेकिन अब बिना संवाद के निजीकरण की साजिश रची जा रही है। संघर्ष समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी कीमत पर इस साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

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कर्मचारियों का आह्वान और आगामी योजना
संघर्ष समिति ने सभी बिजली कर्मचारियों से अपील की है कि वे राजस्व वसूली बढ़ाने में सहयोग दें, लेकिन लंच ब्रेक और कार्यालय समय के बाद निजीकरण विरोधी आंदोलन को और तीव्र करें। समिति ने यह भी घोषणा की है कि महाकुंभ में उत्कृष्ट सेवा देने वाले प्रयागराज के बिजली कर्मियों को आगामी महापंचायत में सम्मानित किया जाएगा।

प्रदेशभर में हुआ जोरदार प्रदर्शन
आज लखनऊ, वाराणसी, आगरा, आजमगढ़, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मथुरा, बरेली, झांसी, अलीगढ़, अनपरा, ओबरा, पनकी समेत पूरे प्रदेश में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए। राजधानी लखनऊ के शक्ति भवन और मध्यांचल मुख्यालय पर बिजली कर्मियों ने अपनी हुंकार भरी।

संघर्ष समिति ने यह भी दोहराया कि सुधार और संघर्ष के मंत्र के साथ यह लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंचेगी।

संघर्ष का एलान
संघर्ष समिति ने कहा है कि यह आंदोलन अब निर्णायक रूप लेगा। बिजली कर्मी सुधार में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे, लेकिन निजीकरण के खिलाफ हर स्तर पर संघर्ष जारी रहेगा। समिति ने एलान किया है कि सरकार को इस साजिश से पीछे हटना ही होगा।

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