Azamgarh News: प्रसूता की मौत के मामले में डॉक्टर और उनके स्टाफ पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अदालत ने मुकदमा दर्ज करने और जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला चौकी मनियरा थाना मेंहनगर निवासी विजय कुमार द्वारा दर्ज कराया गया, जिन्होंने अपनी पत्नी नीतू की मौत पर न्याय की गुहार लगाई।
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क्या है मामला
विजय कुमार ने अपने अधिवक्ता संजय सिंह और जे. राम के माध्यम से न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया। उनके अनुसार, उनकी पत्नी नीतू को प्रसव पीड़ा होने पर मसीरपुर लालगंज स्थित विश्वकर्मा हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टर बी.एल. विश्वकर्मा ने जांच के बाद बताया कि ऑपरेशन के जरिए बच्चे को निकालना पड़ेगा। उन्होंने 90,000 रुपए जमा करवाकर ऑपरेशन किया।
ऑपरेशन के तुरंत बाद नीतू की तबीयत बिगड़ने लगी। आरोप है कि डॉक्टर ने नीतू की गंभीर स्थिति को छुपाते हुए उनके पति विजय से कहा कि उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर ले जाना होगा। नीतू को वाराणसी ले जाने के लिए एंबुलेंस में भेजा गया, लेकिन आधे रास्ते में ही एंबुलेंस चालक नीतू के शव को छोड़कर भाग गया।

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर 10 की न्यायाधीश रश्मि चंद ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की समीक्षा करते हुए पाया कि नीतू का ऑपरेशन किसी पेशेवर सर्जन द्वारा नहीं किया गया था। अदालत ने इसे गंभीर चिकित्सकीय लापरवाही और धोखाधड़ी का मामला मानते हुए थाना प्रभारी देवगांव को आरोपी डॉक्टर बी.एल. विश्वकर्मा और उनके स्टाफ के खिलाफ समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया।
अब पुलिस इस मामले में जांच शुरू करेगी और यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि ऑपरेशन में क्या लापरवाही हुई और दोषी कौन हैं। मामले ने चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही और मरीजों की सुरक्षा के प्रति उदासीनता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।