लंदन: पृथ्वी की सतह को आकार देने में जीव-जंतुओं की भूमिका कितनी अहम है, इसका खुलासा लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन में हुआ है। शोध में बताया गया है कि दीमक, दरियाई घोड़े और बीवर जैसी कई प्रजातियां हमारी धरती के परिदृश्य को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये जानवर सिर्फ पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे इसे बनाने और संरचित करने में भी योगदान देते हैं।
अंतरिक्ष से भी दिखते हैं इनके प्रभाव
वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ जीव-जंतु इतने बड़े भू-आकृति परिवर्तन लाते हैं कि उनके प्रभाव अंतरिक्ष से भी देखे जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर:
- दीमक ब्राजील में विशाल टीले बनाते हैं, जो हजारों वर्ग किलोमीटर तक फैले होते हैं।
- दरियाई घोड़े जल निकासी प्रणाली बनाते हैं, जो नदी और झीलों के जलप्रवाह को नियंत्रित करती हैं।
- बीवर अपने बांधों से दलदली भूमि तैयार करते हैं, जिससे पारिस्थितिकी में बड़ा बदलाव आता है।
603 प्रजातियों में से 30% पर विलुप्त होने का खतरा
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह अध्ययन अपनी तरह का पहला वैश्विक विश्लेषण है, जिसमें 603 प्रजातियों की पहचान की गई है, जो पृथ्वी की भू-आकृति संबंधी प्रक्रियाओं को प्रभावित करती हैं। इनमें छोटे कीड़े, चींटियां और सैल्मन मछली शामिल हैं, जो मिट्टी की संरचना बदलने से लेकर नदी के तल को नया आकार देने तक का कार्य करती हैं।
हालांकि, अध्ययन में चिंताजनक पहलू यह भी सामने आया कि इनमें से 30% से अधिक प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं। इसका अर्थ है कि उनके द्वारा संचालित महत्वपूर्ण भू-आकृतिक प्रक्रियाएं पूरी तरह समझे जाने से पहले ही समाप्त हो सकती हैं, जिससे पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।


छोटे जीव भी निभाते हैं बड़ा रोल
- दीमक: विशालकाय टीले बनाकर मिट्टी की गुणवत्ता और पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करते हैं।
- सैल्मन मछली: अपने प्रजनन के दौरान नदी के तल में इतना अधिक बदलाव लाती हैं, जो सालाना बाढ़ के बराबर हो सकता है।
- चींटियां: सतत गतिविधियों से मिट्टी की संरचना और जल निकासी प्रणाली में बड़ा बदलाव लाती हैं।
शोध ‘नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित
यह अध्ययन वैज्ञानिक पत्रिका नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि इन प्रजातियों के संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया गया, तो पृथ्वी की सतह को आकार देने वाली कई प्रक्रियाएं समाप्त हो सकती हैं, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन गहरा सकता है।
- जीयनपुर थाना क्षेत्र में साइबर फ्रॉड पीड़ित को राहत, 7000 रुपये की हुई वापसी
- आजमगढ़ :कंधरापुर थाना पुलिस ने नाबालिग युवती को बहला-फुसलाकर भगाने वाले आरोपी को किया गिरफ्तार
- रक्षाबंधन पर छात्राओं ने सफाई कर्मियों को बांधी राखी, दिया स्वच्छता का संदेश
- आजमगढ़:मुबारकपुर की बेटी ने रचा इतिहास, भारत को दिलाया अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती में गौरव।
- “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत गैंगस्टर एक्ट में आरोपी को 6 वर्ष का कारावास, ₹5000 का जुर्माना