फरदीन खान और रितेश देशमुख अभिनीत कूकी गुलाटी की फिल्म ‘विस्फोट’ एक ड्रामा फिल्म है जो मुंबई की झुग्गियों में सेट की गई है। फ़िल्म की कहानी एक पुलिसवाले, गैंगस्टर, संकट में फंसी युवती और मुठभेड़ों से भरी है। निर्देशक कूकी गुलाटी ने एक क्राइम ड्रामा पेश करने की कोशिश की है, लेकिन यह फिल्म संजय गुप्ता की किसी रैंडम फिल्म की तरह लगती है, जिसमें ओरिजिनलिटी की कमी है।
कहानी का केंद्र शोएब खान (फरदीन खान) है, जो डोंगरी छोड़ना चाहता है। उसका दोस्त मान्या (नचिकेत पूर्णपत्रे) उसकी कार में अवैध पदार्थों से भरी जैकेट छोड़ देता है, जो बाद में वापस लेने आता है। इसी बीच, आग लगने से शोएब की डिमेंशिया से पीड़ित माँ (शीबा चड्ढा) जैकेट खो देती हैं। एक और ट्रैक आकाश शेलार (रितेश देशमुख) का है, जो अपनी पत्नी तारा (प्रिया बापट) को धोखा देते हुए पकड़ लेता है। उसके बेटे पैडी के भी गायब होने से कहानी में ट्विस्ट आता है। फिल्म में दोनों किरदारों की ज़िंदगियाँ एक-दूसरे से टकराती हैं, क्योंकि दोनों कुछ न कुछ खो रहे होते हैं।
‘विस्फोट’ 2012 की वेनेजुएला की फिल्म ‘रॉक! पेपर! सिज़र्स!’ की रीमेक है और इसे हुसैन दलाल और अब्बास दलाल ने लिखा है। फिल्म की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें मौलिकता की कमी है। कहानी उसी पैटर्न पर चलती है जिसे हमने पहले कई बार देखा है। दर्शक किसी चौंकाने वाले मोड़ की उम्मीद करते हैं, लेकिन फिल्म में ऐसा कुछ भी नया नहीं है। हालांकि, फिल्म की कास्टिंग अच्छी है, लेकिन कमजोर पटकथा इसे उभरने नहीं देती।
सीमा बिस्वास ने एक क्रूर गैंगस्टर के रूप में शानदार अभिनय किया है, और उनका किरदार दिलचस्प है। रितेश देशमुख, जो कि धमाल और हाउसफुल सीरीज़ जैसी मनोरंजक फिल्मों में बेहतरीन अभिनय कर चुके हैं, को इस फिल्म में एक दमदार भूमिका नहीं मिली है। फरदीन खान, जिन्हें इस फिल्म के साथ बॉलीवुड में वापसी करनी थी, अपने किरदार में औसत ही साबित होते हैं।
कुल मिलाकर, ‘विस्फोट’ एक ऐसी फिल्म है जो धमाकेदार समय देने के बजाय धीमी गति से खत्म हो जाती है। फिल्म जियो सिनेमा पर स्ट्रीम हो रही है और इसे देखने के बाद दर्शक इसे जल्दी ही भूल सकते हैं।
विवरण | विवरण |
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रिलीज़ की तारीख | 6 सितंबर 2024 |
भाषा | हिंदी |
शैली | अपराध थ्रिलर |
अवधि | 2 घंटे 10 मिनट |
कलाकार | रितेश देशमुख, फरदीन खान, प्रिया बापट, क्रिस्टल डिसूजा, सीमा बिस्वास, शीबा चड्ढा, अर्जुन अनेजा, पूर्णेंदु भट्टाचार्य, पार्थ सिद्धपुरा |
निदेशक | कुकी गुलाटी |
लेखक | अब्बास दलाल, हुसैन दलाल |
छायांकन | शिखर भटनागर |
संगीत | अमजद नदीम |
निर्माता | अनुराधा गुप्ता, संजय गुप्ता, भूषण कुमार, कृष्ण कुमार |
उत्पादन | व्हाइट फेदर फिल्म्स, टी-सीरीज फिल्म्स |
प्रमाणपत्र | 18+ |