गुजरात और हरियाणा एसटीएफ की संयुक्त टीम ने फरीदाबाद से एक संदिग्ध युवक को गिरफ्तार किया, जो बाद में आतंकी निकला। आरोपी की पहचान अब्दुल रहमान के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के इनायत नगर कोतवाली क्षेत्र के मंजनाई गांव का रहने वाला है। उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए हैं।
कैसे बना अब्दुल रहमान आतंकी?
अब्दुल रहमान का जन्म 28 अगस्त 2005 को हुआ था। उसने मनीराम यादव इंटर कॉलेज, मंजनाई से 10वीं तक पढ़ाई की थी। वह पांचों वक्त नमाज पढ़ता था और ई-रिक्शा चलाकर अपना गुजारा करता था। लेकिन इसी बीच वह कट्टरपंथी संगठनों के संपर्क में आ गया।
जानकारी के अनुसार, करीब छह महीने पहले वह अयोध्या से दिल्ली होते हुए विशाखापट्टनम गया, जहां उसने चार महीने तक जमात में रहकर धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लिया। इसके बाद वह घर लौटा और अयोध्या कैंट की पुरानी सब्जी मंडी में मौलाना उस्मान हजरत के संपर्क में आया।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि गुजरात एसटीएफ को अब्दुल रहमान की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। टीम ने उसके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की और हरियाणा एसटीएफ से संपर्क किया। इसके बाद फरीदाबाद के पाली क्षेत्र से उसे गिरफ्तार किया गया।
जब एसटीएफ ने अब्दुल की तलाशी ली, तो उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड बरामद हुए। यह देख टीम के होश उड़ गए और तत्काल बम निरोधक दस्ता बुलाया गया। पूछताछ में उसने कबूला कि वह 02 मार्च को फरीदाबाद पहुंचा था, लेकिन वहां उसका असली मकसद क्या था, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
क्या था आतंकी साजिश का प्लान?
अब तक की जांच में यह पता नहीं चल सका है कि अब्दुल रहमान का मकसद राम मंदिर पर हमला करना था या किसी और साजिश को अंजाम देना था। एसटीएफ इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वह किसी बड़े आतंकी संगठन के संपर्क में था।
घरवालों ने जताई साजिश की आशंका
अब्दुल की मां यास्मीन ने बताया कि वह घर पर ई-रिक्शा चलाता था और कुछ न कुछ बनाता रहता था, लेकिन कभी किसी गतिविधि के बारे में घरवालों को कुछ नहीं बताया। वहीं, उसके पिता अबु बकर, जो पहले सूरत में रहते थे और अब गांव में चिकन शॉप चलाते हैं, को पुलिस पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है।
पुलिस ने अब्दुल के बैंक पासबुक और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए हैं। हालांकि, उसके माता-पिता का दावा है कि उनका बेटा निर्दोष है और उसे झूठे केस में फंसाया गया है।
एसटीएफ कर रही है गहन जांच
गुजरात व हरियाणा एसटीएफ ने सोमवार को अब्दुल रहमान के परिजनों और गांववालों से भी पूछताछ की। अयोध्या के क्षेत्राधिकारी मिल्कीपुर श्रीयश त्रिपाठी ने बताया कि परिजनों से लंबी पूछताछ की गई और घर की तलाशी भी ली गई, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई।
अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद उसके गांव मंजनाई के लोग भी हैरान हैं। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या वह किसी बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था, या फिर उसे किसी साजिश के तहत तैयार किया गया था।

