माहुल में अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस नेताओं के विरोध के बाद कार्रवाई टली

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आजमगढ़, 24 फरवरी 2025: माहुल नगर पंचायत के माहुल पुलिस चौकी के सामने वर्षों से रेहड़ी, गुमटी और छोटी दुकानों के सहारे जीवन यापन कर रहे 50 से अधिक लोगों को हटाने के लिए रविवार को प्रशासन ने कार्रवाई की तैयारी की। इसके लिए चार थानों की पुलिस और डेढ़ प्लाटून पीएसी सुबह करीब 10 बजे माहुल पुलिस चौकी पर पहुंची। हालांकि, राजस्व टीम के देर से आने और भाजपा नेताओं के विरोध के कारण कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी।

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कोर्ट के आदेश पर होनी थी कार्रवाई

भूमि विवाद का मामला मंडलायुक्त कार्यालय से लेकर दीवानी न्यायालय तक वर्षों से लंबित है। इसी बीच, 28 जनवरी 2025 को कोर्ट ने मो. अशरफ के पक्ष में भूमि पर कब्जा दिलाने का आदेश दिया। इसके बाद, फूलपुर तहसील से 17 दुकानदारों को 15 दिन पहले नोटिस जारी किया गया, जिसमें उन्हें अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था।

भाजपा नेताओं का विरोध, प्रशासन को वापस लौटना पड़ा

रविवार सुबह 10 बजे पुलिस और पीएसी बल तैनात कर दिया गया, लेकिन राजस्व विभाग की टीम दोपहर 12 बजे तक नहीं पहुंची। इसी दौरान, भाजपा माहुल मंडल अध्यक्ष विमलेश पांडेय के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने अतिक्रमण हटाने का विरोध किया।

कुछ देर बाद, भाजपा जिलाध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंचे और एसडीएम से वार्ता की। सियासी दबाव और प्रशासनिक असमंजस के चलते टीम को बिना कार्रवाई किए ही वापस लौटना पड़ा।

कब्जा हटाने के लिए पहले से तैनात थी भारी पुलिस बल

एसडीएम फूलपुर सुरेंद्र नारायण तिवारी के निर्देश पर 23 फरवरी को कार्रवाई की तारीख तय की गई थी। इसके तहत, थानाध्यक्ष अहरौला अनिल सिंह, पवई थानाध्यक्ष प्रदीप मिश्र, अतरौलिया थानाध्यक्ष अमित मिश्रा और फूलपुर कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक गंगाराम बिंद की अगुवाई में ढाई सेक्शन पीएसी बल तैनात किया गया था।

अब आगे क्या होगा?

प्रशासन अब आगे की रणनीति बना रहा है। इस मामले में न्यायालय का आदेश पहले ही आ चुका है, ऐसे में प्रशासन को जल्द ही दोबारा कार्रवाई करनी पड़ सकती है। वहीं, प्रभावित दुकानदारों और स्थानीय लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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