धर्मांतरण गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्रपाल जादौन को आगरा पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। 35 साल पहले महेंद्रपाल नाम से पहचाने जाने वाला यह व्यक्ति हिंदू था, लेकिन 1990 में उसने इस्लाम धर्म अपना लिया और अब्दुल रहमान बन गया। गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर उसके अतीत के कई चौंकाने वाले राज सामने आए हैं।

पुलिस जांच में पता चला है कि मूल रूप से फिरोजाबाद निवासी महेंद्रपाल जादौन अपने पिता प्रेमपाल सिंह और भाइयों भूरा व देवेंद्र के साथ रजावली थाना क्षेत्र के गांव रामगढ़ में रहता था। उसके परिवार के पास करीब 60 बीघा जमीन थी, लेकिन गलत संगतों और आदतों के चलते उन्होंने जमीनें बेच दीं।
ग्रामीणों के अनुसार, महेंद्र और उसके भाई भूरा ने मुंबई में मुस्लिम युवतियों से शादी की थी। जमीन के विवाद को लेकर भाई भूरा की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद पूरा परिवार गांव छोड़कर चला गया। इसके बाद वे कुछ समय कन्नौज में ननिहाल में रहे और फिर मुंबई चले गए।
महेंद्रपाल ने इस दौरान इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया और अब्दुल रहमान नाम रख लिया। रविवार देर रात आईबी इनपुट के आधार पर आगरा पुलिस ने दिल्ली के ओल्ड मुस्तफाबाद इलाके में एक मकान पर छापा मारकर अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल रहमान पहले से जेल में बंद मौलाना कलीम सिद्दीकी का नजदीकी है। गिरफ्तारी के समय उसके साथ उसका बेटा और हरियाणा की एक युवती भी मौजूद थी, जिसका ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन कराया गया था।
अब्दुल के घर से बड़ी मात्रा में धार्मिक सामग्री और ब्रेनवॉश से जुड़ी किताबें बरामद हुई हैं। इस सामग्री से यह पुष्टि होती है कि वह सुनियोजित तरीके से लोगों का धर्मांतरण कराता था।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम अब्दुल रहमान को लेकर रामगढ़ गांव भी पहुंची, जहां ग्रामीणों से पूछताछ की गई। गांववालों ने पुष्टि की कि महेंद्रपाल ने गांव छोड़ने के बाद कभी वापस लौटकर नहीं देखा।
थाना प्रभारी ब्रजकिशोर सिंह ने बताया कि अब्दुल रहमान के खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है। धर्मांतरण से जुड़े अन्य लोगों और नेटवर्क की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
यह कार्रवाई धर्मांतरण गिरोह के खिलाफ चल रहे अभियान की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।


