आगरा की दो सगी बहनों के जबरन धर्मांतरण मामले में पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल जादौन को दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी 35 साल पहले हिंदू से मुस्लिम बना था और अब वह एक संगठित धर्मांतरण गिरोह को चला रहा था।
कश्मीरी छात्राओं के संपर्क में आकर बनी आयशा
गिरफ्तार की गई गोवा निवासी एसबी कृष्णा उर्फ आयशा, एमएससी डाटा साइंस की छात्रा थी, जो पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान कश्मीरी छात्राओं के संपर्क में आई। पुलिस के मुताबिक, इन छात्राओं ने उसका ब्रेनवॉश किया और उसे कश्मीर ले जाया गया, जहां उसका धर्म परिवर्तन कराया गया।
कुछ समय बाद आयशा दिल्ली लौटी, लेकिन छह महीने के भीतर वह फिर गिरोह से जुड़ गई। इसके बाद वह कोलकाता चली गई और वहीं से उसने अब्दुल रहमान के संपर्क में आकर गिरोह के लिए फंडिंग शुरू की। वह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए नए लोगों को जोड़ने का भी कार्य करती थी।
जयपुर का पियूष बना मोहम्मद अली
धर्मांतरण गिरोह से जुड़ा एक अन्य आरोपी पियूष पंवार उर्फ मोहम्मद अली, जयपुर से गिरफ्तार हुआ है। उसने एक युवती के प्यार में आकर इस्लाम कबूल किया था और फिर कलीम सिद्दीकी व पीएफआई से जुड़ गया। वह कोलकाता में दीनी शिक्षा ले रहा था और गिरोह के लिए आयशा से मिले पैसों से नए लोगों को फंडिंग देता था।
इंस्टाग्राम और डाक से प्रचार
रीथ बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम नामक आरोपी ने आगरा की दोनों बहनों को कोलकाता बुलाया था। वह इंस्टाग्राम पर वीडियो भेजता और डाक के माध्यम से धार्मिक साहित्य पहुंचाता था।
मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान का कनेक्शन
अब्दुल रहमान, जो पहले महेंद्र पाल जादौन था, मूल रूप से फिरोजाबाद का रहने वाला है। वर्ष 1990 में उसने ईसाई धर्म अपनाया और बाद में मुस्लिम बन गया। दिल्ली में मजदूरी करते हुए वह कलीम सिद्दीकी के संपर्क में आया और गिरोह में शामिल हो गया। अब वह ग्लोबल पीस सेंटर सहित कई संगठनों से जुड़ा है और कनाडा में रहने वाले दाऊद अहमद से भी संपर्क में बताया गया है।
पुलिस को अब्दुल रहमान के घर से धर्मांतरण को प्रेरित करने वाली किताबें और धार्मिक साहित्य मिला है, जिनमें कलीम सिद्दीकी और जाकिर नाइक की किताबें प्रमुख हैं। वहां से हरियाणा की लापता युवती भी बरामद हुई है।
कलीम सिद्दीकी को हो चुकी है उम्रकैद
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस गिरोह के प्रमुख कलीम सिद्दीकी को यूपी एटीएस ने 2021 में गिरफ्तार किया था और उसे सामूहिक धर्मांतरण के केस में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। बताया जाता है कि कलीम सिद्दीकी ने डॉक्टरी छोड़ दीनी कार्य में लगकर अंतरराष्ट्रीय फंडिंग के जरिए धर्मांतरण अभियान चला.
पुलिस ने शनिवार को गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि अब्दुल रहमान को दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार किया गया है और अब उससे आतंकी फंडिंग व नेटवर्क विस्तार की दिशा में पूछताछ जारी है।

