म्यांमार में भूकंप से भारी तबाही, 1002 लोगों की मौत, 2376 घायल

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म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार (28 मार्च) को आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस विनाशकारी आपदा में म्यांमार में अब तक 1002 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2376 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। वहीं, थाईलैंड में भी 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। कई इमारतें, पुल और सड़कें ध्वस्त हो गए हैं, जिससे प्रभावित इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल है।

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म्यांमार में आपातकाल घोषित, राहत-बचाव कार्य जारी
भूकंप के बाद म्यांमार सरकार ने आपातकाल की घोषणा कर दी है। बचाव दल और राहत एजेंसियां तेजी से राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। भूकंप के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं और कई क्षेत्रों में बिजली और संचार सुविधाएं ठप हो गई हैं।

भारत ने शुरू किया ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’
म्यांमार की मदद के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ की शुरुआत की है। भारतीय वायुसेना का सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान करीब 15 टन राहत सामग्री लेकर म्यांमार की राजधानी यांगून पहुंच चुका है। इस राहत सामग्री में दवाइयां, खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक आपूर्ति शामिल हैं।

अन्य देशों में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके
इस शक्तिशाली भूकंप का असर केवल म्यांमार और थाईलैंड तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि भारत, चीन और नेपाल समेत पांच देशों में झटके महसूस किए गए। शनिवार रात को भी म्यांमार और अफगानिस्तान में हल्के भूकंप के झटके दर्ज किए गए। अफगानिस्तान में सुबह 5:16 बजे 4.7 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।

भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति
म्यांमार की सेना (जुंटा) के अनुसार, अब तक 694 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हुई है, जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने अनुमान लगाया है कि मरने वालों की संख्या 1000 से अधिक हो सकती है। अस्पतालों में घायलों की संख्या हजारों में पहुंच गई है, और खून की भारी किल्लत की खबरें भी सामने आ रही हैं। सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार’ के अनुसार, पांच शहरों और कई कस्बों में इमारतें गिर गई हैं, जबकि दो प्रमुख पुल भी ढह चुके हैं।

राहत कार्यों में चुनौतियां
भूकंप के कारण सड़कों और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान से राहत कार्यों में कठिनाइयां आ रही हैं। बचाव दलों को कई जगहों पर पहुंचने में परेशानी हो रही है, लेकिन सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां पूरी कोशिश कर रही हैं कि जल्द से जल्द हालात सामान्य किए जा सकें।

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