आजमगढ़: शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित वेदांता अस्पताल में संचालित डायलिसिस सेंटर में बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। नेफ्रो प्लस हेल्थ केयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी (उत्तरी क्षेत्र) सैयद सैफ अली ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि वेदांता अस्पताल में स्थित डायलिसिस सेंटर में कंपनी द्वारा स्थापित उपकरण रखे गए हैं। 11 फरवरी को कंपनी की इंटरनल ऑडिट टीम ने अस्पताल में ऑडिट किया, जिसमें उच्च मूल्य के ब्लडलाइन (15 क्वांटिटी) और डायलाइजर (6 क्वांटिटी) गायब पाए गए।
सीसीटीवी फुटेज से धोखाधड़ी का खुलासा
ऑडिट के दौरान मरीजों द्वारा लिए गए सेशनों के भुगतान और रिकॉर्ड में भी गड़बड़ी पाई गई। जांच में सामने आया कि मरीजों से देर रात सेशन के लिए पैसे लिए गए, लेकिन कंपनी को भुगतान नहीं दिया गया। इसका कोई रिकॉर्ड भी अस्पताल में दर्ज नहीं किया गया, जिससे साफ है कि कर्मचारियों की मिलीभगत से चोरी और धोखाधड़ी की गई।
सेंटर मैनेजर पर आरोप
कंपनी की ओर से आजमगढ़ इकाई के सेंटर मैनेजर आरव गोस्वामी पुत्र राजेश गिरी को इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। रिकॉर्ड और बिलिंग का प्रबंधन तथा पैसों की देखभाल सेंटर मैनेजर की निगरानी में होती है, लेकिन ऑडिट में इसमें भारी अनियमितता पाई गई।
पुलिस ने बरामद किया चोरी का सामान
कंपनी ने 12 फरवरी को बलरामपुर पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान कर्मचारी शिवम मोदनवाल के घर से चोरी हुआ सामान बरामद किया गया।

कंपनी ने कार्रवाई की मांग की
नेफ्रो प्लस हेल्थ केयर सर्विसेज का कहना है कि यह मामला गंभीर है और कंपनी की सुरक्षा व संचालन के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल, पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
- जीयनपुर थाना क्षेत्र में साइबर फ्रॉड पीड़ित को राहत, 7000 रुपये की हुई वापसी
- आजमगढ़ :कंधरापुर थाना पुलिस ने नाबालिग युवती को बहला-फुसलाकर भगाने वाले आरोपी को किया गिरफ्तार
- रक्षाबंधन पर छात्राओं ने सफाई कर्मियों को बांधी राखी, दिया स्वच्छता का संदेश
- आजमगढ़:मुबारकपुर की बेटी ने रचा इतिहास, भारत को दिलाया अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती में गौरव।
- “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत गैंगस्टर एक्ट में आरोपी को 6 वर्ष का कारावास, ₹5000 का जुर्माना