आजमगढ़:ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत जनपद पुलिस की प्रभावी विवेचना और अभियोजन टीम की सशक्त पैरवी के परिणामस्वरूप दहेज हत्या के एक मामले में न्यायालय ने एक अभियुक्ता को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और 4500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
थाना फूलपुर क्षेत्र के खैरुद्दीनपुर निवासी चंद्रावती पत्नी साहब राम को अपर सत्र न्यायाधीश, कोर्ट नंबर-1, आजमगढ़ ने दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई। वहीं, मामले के दूसरे आरोपी संदीप मौर्य पुत्र साहब राम को दोषमुक्त कर दिया गया।
मामला क्या है?
यह घटना 24 अक्टूबर 2015 की है। वादी राजाराम मौर्य निवासी रसूलपुर, थाना खुटहन, जौनपुर ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी कुसुम को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। आरोप है कि 24 अक्टूबर को चंद्रावती और संदीप ने कुसुम पर मिट्टी का तेल डालकर उसे जला दिया।
इस मामले में थाना फूलपुर पर मुकदमा संख्या 316/2015 दर्ज किया गया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498A, 304B, 326, 323, 352, 504 और 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया।
16 गवाहों के बयान के बाद आया फैसला
मुकदमे में कुल 16 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। पुलिस और अभियोजन पक्ष की सशक्त पैरवी के बाद न्यायालय ने चंद्रावती को दोषी पाते हुए 10 वर्ष की सजा और 4500 रुपये जुर्माने से दंडित किया।
इस सजा से दहेज हत्या के खिलाफ कानून की सख्ती और “ऑपरेशन कनविक्शन” की सफलता का प्रमाण मिलता है।

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