आजमगढ़:10 फरवरी 2025: उत्तर प्रदेश पुलिस के “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत जनपदीय पुलिस की प्रभावी विवेचना और अभियोजन पक्ष की सशक्त पैरवी के चलते हत्या के तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
जानकारी के अनुसार, थाना बरदह क्षेत्र के ऊसरगांवा गांव में 22 अक्टूबर 2003 को राजेंद्र पुत्र जियालाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में वादी राम दुलार ने 23 अक्टूबर 2003 को थाना बरदह में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच के दौरान राणा प्रताप सिंह, प्रदीप सिंह, मनीष सिंह और अदालत राम के नाम प्रकाश में आए।
थाना बरदह में इन सभी के खिलाफ मु.अ.सं. 301/2003 धारा 302, 120बी भादवि के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में धारा 3(2)V SC/ST एक्ट भी जोड़ा गया। मामले की विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष प्रेमशंकर सिंह द्वारा की गई और बाद में क्षेत्राधिकारी लालगंज मोहम्मद तारिख ने इसे संपादित किया।

मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय एससी/एसटी कोर्ट आजमगढ़ में हुई, जहां अभियोजन पक्ष ने 11 गवाहों को प्रस्तुत किया। सुनवाई के उपरांत न्यायालय ने तीन अभियुक्तों—
- राणा प्रताप सिंह पुत्र स्व. हरिनाथ सिंह
- प्रदीप सिंह पुत्र रामजीत सिंह
- मनीष सिंह पुत्र शीतला सिंह

को दोषी करार देते हुए आजन्म कारावास और प्रत्येक पर 50-50 हजार रुपये अर्थदंड लगाया। वहीं, अदालत राम को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।
पुलिस और अभियोजन पक्ष की इस सफलता को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों ने “ऑपरेशन कनविक्शन” की सराहना की है।
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