


म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई है। अकेले म्यांमार में अब तक 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं। इसी बीच, भारत ने म्यांमार की सहायता के लिए “ऑपरेशन ब्रह्मा” के तहत राहत सामग्री भेजी है।
यांगून पहुंची 15 टन राहत सामग्री
भारतीय वायुसेना का C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान 15 टन राहत सामग्री लेकर म्यांमार के यांगून पहुंच चुका है। इसमें टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, खाने के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाएं शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत अपने पड़ोसी देश की मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और यह पहली खेप है, आगे भी सहायता जारी रहेगी।
पीएम मोदी ने म्यांमार के जनरल से की बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से फोन पर बात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा—
“भारत, एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत राहत सामग्री, खोज और बचाव दल को तेजी से भेजा जा रहा है।”
राहत-बचाव कार्य जारी
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेज़ी से जारी है। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए स्थानीय प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी काम कर रही हैं। भारत के अलावा कई अन्य देशों ने भी मदद की पेशकश की है।
इस आपदा के बाद भारत का यह मानवीय कदम पड़ोसी देशों के साथ मजबूत संबंधों को दर्शाता है। म्यांमार सरकार ने भी भारत की त्वरित सहायता के लिए धन्यवाद दिया है।
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