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Azamgarh News:एडीजी वाराणसी जोन ने रमाकांत यादव और उसके गैंग के 15 सदस्यों को “आईआर-42 गैंग” के रूप में सूचीबद्ध किया

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Azamgarh News: अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन, श्री पीयूष मोर्डिया ने अभियुक्त रमाकांत यादव और उसके 15 सहयोगियों को जघन्य अपराधों में लिप्त होने के कारण “आईआर-42 गैंग” के रूप में सूचीबद्ध किया है। यह गैंग हत्या, अपमिश्रित देशी शराब बनाकर लाइसेंसी शराब की दुकानों पर बेचने, और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल है।

गैंग का सरगना और मुख्य गतिविधियां:
गैंग का सरगना रमाकांत यादव, निवासी चकगंज अलीशाह सरावां, थाना दीदारगंज, आजमगढ़ है। लगभग 60 वर्षीय रमाकांत अपने साथियों के साथ मिलकर आजमगढ़, जौनपुर, और लखनऊ जिलों में आपराधिक गतिविधियों से धन अर्जित करता था। यह गैंग लाइसेंसी देशी शराब की दुकानों पर अपमिश्रित शराब बेचने और हत्या जैसे संगीन अपराधों में शामिल पाया गया है।

गैंग के सदस्य:
गैंग के 15 सदस्य विभिन्न जिलों और राज्यों से हैं, जिनकी आयु 20 से 55 वर्ष के बीच है। इनके नाम और पते निम्नलिखित हैं:

  1. रंगेश यादव (45 वर्ष), जौनपुर
  2. सूर्यभान (35 वर्ष), आजमगढ़
  3. पंकज यादव (30 वर्ष), आजमगढ़
  4. मो. नदीम (30 वर्ष), आजमगढ़
  5. नसीम नेता (55 वर्ष), आजमगढ़
  6. रवि कुमार क्षत्रि (40 वर्ष), वाराणसी
  7. जोयन्ता कुमार मित्रा (50 वर्ष), पश्चिम बंगाल
    और अन्य 8 सदस्य।

गैंग का कोड नंबर और कार्यवाही:
इस गैंग को “आईआर-42” कोड नंबर दिया गया है और इंटर-रेंज (आईआर) स्तर पर सूचीबद्ध किया गया है। पुलिस ने इनकी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने और भविष्य में अपराध रोकने के लिए कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

पुलिस की कड़ी नजर:
गैंग के सदस्यों के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। गैंग के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए पुलिस ने अपनी रणनीति तेज कर दी है।

एडीजी वाराणसी जोन ने कहा, “गैंग की सभी गतिविधियों पर सख्त नजर रखी जा रही है और अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”

इस कार्रवाई से अपराधियों के हौसले पस्त होंगे और क्षेत्र में कानून व्यवस्था और सुदृढ़ होगी।

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