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बागपत: ढिकौली गांव में एक दशक बाद गैंगवार, हिस्ट्रीशीटर की गोली मारकर हत्या

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बागपत जिले के चांदीनगर थाना क्षेत्र के ढिकौली गांव में 10 साल बाद एक बार फिर गैंगवार ने गांव को दहला दिया। गांव के कुख्यात बदमाश ज्ञानेंद्र ढाका ने अपने साथियों के साथ मिलकर हिस्ट्रीशीटर प्रवीण उर्फ बब्बू की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना तब हुई, जब प्रवीण और ज्ञानेंद्र गांव के पूर्व प्रधान जयकुमार के घर पर कॉलेज प्रबंध समिति के चुनाव को लेकर बातचीत कर रहे थे। इस दौरान ज्ञानेंद्र के साथियों ने अचानक पिस्टल निकालकर प्रवीण पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद उसने बलकटी से भी प्रहार किया। इस हमले में प्रवीण गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि बीच-बचाव के दौरान पूर्व प्रधान जयकुमार, धर्मपाल धनपाल उर्फ टीटी और राजकुमार भी घायल हो गए।

घटना के बाद आरोपी हथियार लहराते हुए मौके से फरार हो गए। ग्रामीणों ने प्रवीण को तुरंत पिलाना सीएचसी में भर्ती कराया, लेकिन उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलते ही चांदीनगर एसओ संजय कुमार, सीओ खेकड़ा प्रीता और एसपी अर्पित विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घटना का मुकदमा प्रवीण के भाई नवीन उर्फ जग्गू की शिकायत पर ज्ञानेंद्र ढाका सहित दो अन्य बदमाशों के खिलाफ दर्ज कर लिया।

यह रंजिश 28 साल पुरानी है, जो 1996 में ढिकौली गांव की ग्राम पंचायत चुनाव से शुरू हुई थी। दोनों गुटों के बीच खून-खराबा बढ़ता गया, जिसमें अब तक 16 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस खूनी संघर्ष की शुरुआत संतर की हत्या से हुई, जिसके बाद दोनों गुट एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए। प्रधान प्रमोद ढाका, सुरेश, विकास, कृष्णपाल, जसवंत, अमरीश, योगेंद्र, ओमवीर और बबलू सहित कई लोग इस रंजिश की भेंट चढ़ गए।

हालांकि, आठ साल पहले दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ था और उसके बाद से वे एक-दूसरे के संपर्क में भी रहते थे। लेकिन ज्ञानेंद्र के मन में बदले की भावना बनी रही, जिसका अंदाजा प्रवीण नहीं लगा सका। शनिवार की रात इसी बदले की भावना ने एक और जान ले ली, और गांव में एक बार फिर दहशत का माहौल पसर गया है।

पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और गांव में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे। इस घटना ने पुराने गैंगवार के जख्म फिर से हरे कर दिए हैं, और गांव में लोग भयभीत हैं कि यह खूनी सिलसिला फिर से शुरू न हो जाए।

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